मिसिर कविराय की कुण्डलिया
मिसिर कविराय की कुण्डलिया
जीतो सारे विश्व को,एक जगह पर बैठ।
मन में स्नेहिल भाव रख , उर में सब के पैठ।।
सब के उर में पैठ, करो सब का नित स्वागत।
सब को परिजन मान, हृदय से सोवत जागत।।
कहें मिसिर कविराय,सभी का मित्र बनो तो।
चल कर मनहर चाल,जगत के दिल को जीतो।।
Sachin dev
31-Dec-2022 06:07 PM
Very nice
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